Lately you have been fighting with Darsh a lot and I wanted to tell you the importance of staying together. so I narrated this story.
एक था आरुष दादा , एक थी गीत और एक था दर्श . एक बार तीन कहीं घूमने गए। रस्ते में उन्हें एक जंगल मिला . तीनो डर गए . आरुष दादा ने बोला की अगर हम तीनो साथ में रहएंगे तो ठीक रहेगा. कोई मुसीबत आने पे हम एक दुसरे की मदद कर सकते हैं . तीनो साथ में जंगले पार करने लगे. तभी एक मोटा सा सआंप आया , उसका मन ललचाया की वो इन तीनो बच्चों को खा जाये. लेकिन उसने देखा की तीनो एक साथ हैं , हाथ भी पकड़ा है तो वो डर गया और वहां से चला गया।
थोडा आगे जाने के बाद गीत को एक अच्छी चीज मिली, उसने उठा ली और अपने पास रख ली। दर्श ने ये देखा और उसने भी वो चीज़ गीत से लेनी चाही . गीत को गुस्सा आया और उन दोनों की लड़ाई हो गयी। आरुष दादा ने ये देखा तो रोकने की कोशिश करी, दर्श और गीत उससे भी लड़ने लगे.
तभी वहां से एक भालू निकला उसने देखा सब लोग लड़ाई कर रहे हैं और अलग अलग हैं इसलिए वो धीरे से आया और दर्श को ले गया और दर्श को खा गया . थोड़ी देर के बाद गीत को भी खा गया ये देख कर आरुष दादा डर गया और भागने लगा. भागते भागते एक मंदिर मिला, वो जल्दी से मंदिर के अंदर गया और दरवाजा बंद कर लिया. उसने भगवान् से प्रार्थना की गीत और दर्श को वापिस लाने के लिए . भगवान् ने कहा वो दोनों अपनी गलती की सजा पा रहे हैं मै उन्हें वापिस नहीं ला सकता . आरुष दादा ने भगवन से बोला की अब हम लोग कभी भी नहीं लड़ेंगे. आप हमारी हेल्प कर दो। भगवान् को उस पैर दया आ गयी और भगवान् ने भालू के पेट से निकाल कर गीत और दर्श को जिन्दा कर दिया. तीनो ने फिर कब्भी न लड़ने का वादा किया .
The very fact that I made up the story while narrating it and I did that in Marathi made me aware of my creative abilities.
Princess, you really bring out the best in me.